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April 1, 2025
balkand

बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥

Amitab Singh

मैं गुरुजी के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं, जो सुंदर स्वादिष्ट, सुगंध…

April 1, 2025