जब भक्ति में मन न लगे, फिर भी नाम जपने का फल
हमें अपने जीवन में अक्सर ऐसा अनुभव होता है कि मन भक्ति में नहीं लगता।...
हमें अपने जीवन में अक्सर ऐसा अनुभव होता है कि मन भक्ति में नहीं लगता।...
जो कुछ राम ने निर्धारित किया है, वही होगा; तर्क और बहस से कुछ नहीं...
बहुरूपिए, चाहे वे कितने भी साधु का वेष क्यों न बना लें, उनकी असली प्रकृति...
जब आप अपने हृदय में अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथजी (श्रीराम) को बसाकर नगर में...
यह चौपाई श्रीराम और उनके भाई लक्ष्मण के सुख और सफलताओं की ओर संकेत करती...