April 2025

बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥

मैं गुरुजी के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं, जो सुंदर स्वादिष्ट, सुगंध...