बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥
मैं गुरुजी के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं, जो सुंदर स्वादिष्ट, सुगंध...
मैं गुरुजी के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं, जो सुंदर स्वादिष्ट, सुगंध...
तारा बिकल देखि रघुराया, दीन्ह ग्यान हरि लीन्ही माया।छिति जल पावक गगन समीरा, पंच रचित...
संतों का समाज हमेशा आनंद और कल्याण से भरा होता है, और वह समाज ही...
हमें अपने जीवन में अक्सर ऐसा अनुभव होता है कि मन भक्ति में नहीं लगता।...
जो कुछ राम ने निर्धारित किया है, वही होगा; तर्क और बहस से कुछ नहीं...
बहुरूपिए, चाहे वे कितने भी साधु का वेष क्यों न बना लें, उनकी असली प्रकृति...
जब आप अपने हृदय में अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथजी (श्रीराम) को बसाकर नगर में...
यह चौपाई श्रीराम और उनके भाई लक्ष्मण के सुख और सफलताओं की ओर संकेत करती...
रामायण (अंग्रेज़ी: Ramayana) भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक अत्यंत प्रतिष्ठित महाकाव्य है, जिसे महान संस्कृत...